कर्नाटक में सत्ता की लड़ाई अब निर्णायक चरण में प्रवेश कर चुकी है। संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू होने वाला है और इसके पहले कांग्रेस नेतृत्व यह तय कर सकता है कि मुख्यमंत्री पद के लिए डीके शिवकुमार को आगे किया जाए या सिद्धारमैया को ही जारी रखा जाए। बेंगलुरु से दिल्ली तक हलचल बढ़ती जा रही है, वहीं डीके शिवकुमार गुरुवार को मुंबई पहुंचे।
मुंबई में किसी राजनीतिक मुलाकात की अफवाहों को खारिज करते हुए शिवकुमार ने कहा कि राजनीतिक चर्चाएं बेंगलुरु या दिल्ली में होती हैं, मुंबई में नहीं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे पार्टी के समर्पित सिपाही हैं और किसी फैसले में जल्दी नहीं कर रहे हैं।
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी लॉबिंग तेज कर चुके हैं। वे अपने करीबी नेताओं के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं और मुख्यमंत्री पद पर बने रहने की रणनीति पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
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